New Year 2026 के आगमन के साथ ही झारखंड एक बार फिर आस्था और पर्यटन का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। झरनों, पहाड़ियों और घने जंगलों के लिए पहचाने जाने वाले इस राज्य में नए साल के मौके पर बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं, वहीं भगवान शिव के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भी उमड़ती है। क्रिसमस से लेकर न्यू ईयर और 26 जनवरी तक झारखंड के धार्मिक और पर्यटन स्थलों में विशेष रौनक बनी रहती है।
नए साल पर खास पहचान बनाता है बड़कागांव का बूढ़ा महादेव मंदिर
न्यू ईयर के अवसर पर झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड में स्थित बूढ़ा महादेव (बुढ़वा महादेव) मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन जाता है। यह प्राचीन शिव मंदिर अपनी अनोखी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है, जहां शिवलिंग पर निरंतर जलधारा गिरती रहती है। मान्यता है कि इस मंदिर में करीब 600 वर्षों से लगातार जलाभिषेक की परंपरा चली आ रही है। नए साल के पहले दिन बड़ी संख्या में भक्त बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक कर वर्ष की मंगल शुरुआत की कामना करते हैं। मंदिर परिसर में स्थित वह हैंडपंप, जिससे बिना चलाए पानी निकलता रहता है, श्रद्धालुओं के लिए आस्था और आश्चर्य का विषय बना हुआ है
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