वन्यजीव संरक्षण की दिशा में टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क से एक सुखद खबर सामने आई है। टाटा जू की बाघिन मेघना ने दो स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है, जिससे न सिर्फ चिड़ियाघर परिवार बल्कि पूरे शहर में खुशी का माहौल है। लंबे समय बाद बाघ शावकों का जन्म झारखंड में वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को नई मजबूती देता है। टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क प्रबंधन के अनुसार बाघिन मेघना ने 27 नवंबर को दोनों शावकों को जन्म दिया था। चिड़ियाघर के तय प्रोटोकॉल और मां व शावकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसकी आधिकारिक जानकारी कुछ समय बाद सार्वजनिक की गई। फिलहाल दोनों शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनकी लगातार निगरानी की जा रही है। अनुभवी पशु चिकित्सकों और केयर टीम की देखरेख में मेघना और उसके शावक सुरक्षित हैं।
इस खुशी के मौके को और खास बनाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन जल्द ही दोनों शावकों के नामकरण के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित करेगा। इसमें जमशेदपुर के सभी नागरिक भाग ले सकेंगे। शावकों के लिए श्रेष्ठ नाम सुझाने वालों को टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क की ओर से सम्मानित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बाघिन मेघना और शावकों के पिता रुद्र का नाम भी जमशेदपुर के नागरिकों ने ही एक सार्वजनिक नामकरण प्रतियोगिता के माध्यम से चुना था। दोनों बाघों को नागपुर स्थित गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर से टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क लाया गया था और ये दोनों ही वन्य मूल के बाघ हैं। चिड़ियाघर प्रबंधन ने कहा है कि जनता की सहभागिता को बढ़ावा देने की इस परंपरा को आगे भी जारी रखा जाएगा और शावकों का नामकरण भी पारदर्शी तरीके से किया जाएगा।
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