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कड़ाके की ठंड में मानवता की मिसाल: दारू प्रखंड बीडीओ हारून रशीद ने जरूरतमंदों को बांटे गर्म कंबल


आशीष कुमार साव 

हजारीबाग:- दारु प्रखंड में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है। न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है, और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब व असहाय लोग ठिठुरन से परेशान हैं। ऐसे में प्रशासन की संवेदनशीलता सामने आई है। दारू प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) हारून रशीद ने बढ़ती ठंड को देखते हुए स्वयं आगे बढ़कर मानवीय पहल की। शनिवार शाम करीब 7 बजे, जब कोहरा इतना घना था कि कुछ मीटर आगे कुछ दिखना मुश्किल हो रहा था, बीडीओ हारून रशीद दारू प्रखंड अंतर्गत पिपचो गांव के मल्हार टोली पहुंचे। उनके हाथों में गर्म कंबलों का बड़ा बंडल था। ठंड से सिकुड़े बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को देखकर उन्होंने तुरंत कंबल वितरण शुरू कर दिया। यह दृश्य बेहद भावुक करने वाला था। जैसे ही ग्रामीणों को पता चला कि बीडीओ साहब गर्म कंबल लेकर आए हैं, वे दौड़ते हुए उनके पास पहुंचे। छोटे-छोटे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं कतार में लग गए। एक बुजुर्ग महिला ने कंबल ओढ़ते ही आंसू भरी आंखों से कहा, "साहब, ठंड से रात भर नींद नहीं आती थी। आज आपने हमें नई जिंदगी दी।" एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि कोहरे और ठंड के कारण कुछ काम करना भी मुश्किल हो गया है, और घर में गर्म कपड़े नहीं हैं। कंबल पाते ही उनके चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई। बच्चे कंबल लपेटकर उछलने लगे, जबकि बुजुर्गों ने बीडीओ को दुआएं दीं। बीडीओ हारून रशीद ने कहा, "ठंड का कहर गरीबों पर सबसे ज्यादा पड़ता है। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि हम उनकी मदद करें। हमने प्रखंड में कई जगहों पर जरूरतमंदों की पहचान की है और कंबल वितरण जारी रखेंगे। बुजुर्गों और बच्चों को विशेष ध्यान दिया जा रहा है।" उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि रात में अलाव जलाएं और ठंड से बचाव के उपाय अपनाएं। यह कार्यक्रम दारू प्रखंड में ठंड राहत अभियान का हिस्सा है। जिले भर में प्रशासन की ओर से हजारों कंबल वितरित किए जा रहे हैं। लेकिन बीडीओ का शाम के समय स्वयं गांव पहुंचकर वितरण करना प्रशासनिक संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे अधिकारी दुर्लभ होते हैं, जो कागजी कार्रवाई से आगे बढ़कर धरातल पर उतरते हैं। ठंड अभी और बढ़ने वाली है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक कोहरे और शीतलहर की चेतावनी जारी की है। ऐसे में प्रशासन की यह पहल गरीबों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। मल्हार टोली के ग्रामीण आज रात गर्म कंबल में लिपटकर सुकून की नींद सोएंगे, और उनके दिल में बीडीओ हारून रशीद के प्रति कृतज्ञता का भाव होगा। यह घटना बताती है कि प्रशासन और जनता के बीच का सेतु मजबूत हो तो समाज कितना सुंदर बन सकता है। ठंड के इस मौसम में मानवता की ऐसी मिसालें हमें उम्मीद जगाती हैं।

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