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भारत का पहला नवविवाहित जोड़ा साइकिल पर चार धाम एवं 12 ज्योतिर्लिंग यात्रा पर


आशीष कुमार साव 

हजारीबाग:- आस्था, साहस और प्रेम की अनोखी मिसाल पेश करते हुए भारत का पहला नवविवाहित जोड़ा शेखर दीक्षित और गुंजन दीक्षित साइकिल से चार धाम तथा 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पर निकला है। यह जोड़ा अपनी नवविवाहित जीवन की शुरुआत ही इतनी कठिन और पवित्र यात्रा से कर रहा है, जो न केवल धार्मिक महत्व रखती है बल्कि पर्यावरण संरक्षण और फिटनेस का भी संदेश देती है। शेखर दीक्षित और गुंजन दीक्षित ने अपनी शादी के बाद तुरंत यह यात्रा शुरू की। उनका उद्देश्य भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों – सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओम्कारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, विश्वनाथ, त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वरम और घृष्णेश्वर  तथा चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ  के दर्शन करना है। यह यात्रा कुल हजारों किलोमीटर की है, जिसमें पहाड़ी रास्ते, जंगल और मैदान शामिल हैं। इस जोड़े ने अब तक 16,000 किलोमीटर की दूरी तय कर ली है, जो उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रमाण है। हाल ही में वे दारु प्रखंड के अंतर्गत झुमरा चौक पहुंचे, उनके सफर की कामना की। झुमरा चौक से वे बगोदर की ओर रवाना हुए। शेखर दीक्षित और गुंजन दीक्षित का कहना है कि यह यात्रा केवल धार्मिक नहीं बल्कि उनके वैवाहिक जीवन की मजबूत नींव रखने वाली है। साइकिल से यात्रा करने का फैसला उन्होंने इसलिए लिया क्योंकि यह पर्यावरण अनुकूल है और शरीर को स्वस्थ रखता है। रास्ते में आने वाली चुनौतियां बारिश, ठंड, गर्मी और थकान उन्हें एक-दूसरे के करीब ला रही हैं। गुंजन ने कहा, "हमारा प्रेम इस यात्रा से और मजबूत हो रहा है। भगवान शिव की कृपा से हम अपनी यात्रा पूरी करेंगे।" यह जोड़ा सोशल मीडिया पर अपनी यात्रा की अपडेट्स शेयर कर रहा है, जिससे लाखों लोग प्रेरित हो रहे हैं। कई युवा उन्हें फॉलो कर रहे हैं और ऐसे ही साहसिक कार्य करने की सोच रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और लोग उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रख रहे हैं। झुमरा चौक और बगोदर जैसे छोटे कस्बों में उनका आगमन एक उत्सव जैसा माहौल बना रहा है। चार धाम और 12 ज्योतिर्लिंग यात्रा हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्ति का प्रमुख माध्यम मानी जाती है। लेकिन साइकिल से नवविवाहित जोड़े द्वारा इसे पूरा करना वाकई अनोखा है। शेखर और गुंजन की यह यात्रा न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत बन रही है। वे जल्द ही अपनी यात्रा पूरी कर लौटेंगे और अपनी कहानी से लोगों को प्रेरित करेंगे। यह जोड़ा साबित कर रहा है कि प्रेम और आस्था की कोई सीमा नहीं होती। उनकी यात्रा सफल हो और भगवान शिव उन्हें शक्ति प्रदान करें  यही कामना है। ऐसे साहसी जोड़ों को सलाम है।

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