रामगढ़। शहर के टाउन हॉल में स्थित दिव्यांगजनों के लिए हुआ पर्पल फेयर का आयोजित किया गया। उक्त कार्यक्रम में भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सौजन्य से तथा समेकित क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं रांची दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र एवं रामगढ़ जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में झारखंड राज्य के द्वितीय जिला स्तरीय पर्पल फेयर का आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन बड़कागांव विधायक रौशन लाल चौधरी, हजारीबाग सांसद मनीष जयसवाल के जिला प्रतिनिधि राजीव जयसवाल, झारखंड सरकार के नि:शक्तता आयुक्त अभयनंदन अंबष्ट एवं रामगढ़ जिला समाज कल्याण पदाधिकारी इंदु प्रभा खलखो द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर अतिथियों ने दिव्यांगजनों की सक्रिय भागीदारी एवं उनकी क्षमताओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा भविष्य में इस प्रकार के समावेशी आयोजनों को निरंतर प्रोत्साहित करने का आश्वासन दिया।कार्यक्रम में रांची जिला प्रशासन के पदाधिकारी सीआरसी
तथा रामगढ़ जिले के विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस पर्पल फेयर में 400 से अधिक दर्शकों ने सहभागिता की, जिनमें दिव्यांगजन एवं उनके परिजन, विद्यालयों के छात्र-छात्राएं, आंगनबाड़ी सेविकाएं, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि तथा जिला प्रशासन के अधिकारीगण शामिल थे। बड़कागांव विधायक रौशन लाल चौधरी ने बताया कि पर्पल फेयर जैसे आयोजन दिव्यांगजनों की प्रतिभा और क्षमताओं को समाज के समक्ष प्रस्तुत करने का एक सशक्त मंच प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन किसी से कम नहीं हैं, आवश्यकता केवल उन्हें समान अवसर और उचित मंच उपलब्ध कराने की है। उन्होंने भविष्य में भी इस प्रकार के समावेशी कार्यक्रमों को निरंतर समर्थन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
अभयनंदन अंबष्ट ने बताया कि दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा, सुलभता सुनिश्चित करना तथा उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने बताया कि पर्पल फेयर जैसे आयोजन दिव्यांगता के प्रति समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के साथ-साथ दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में अहम पहल हैं।कार्यक्रम के दौरान 33 दिव्यांग कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं। जिनमें मनमोहक नृत्य, संगीत एवं कविता पाठ शामिल थे। दिव्यांगजनों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प एवं कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई। जिससे उनके रचनात्मक कौशल का प्रभावशाली प्रदर्शन हुआ। इसके अतिरिक्त सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा रोजगार, शिक्षा, प्रशिक्षण एवं पुनर्वास से संबंधित जानकारी प्रदान करने हेतु 10 स्टॉल लगाए गए। इस अवसर पर बड़कागांव विधायक रौशन लाल चौधरी एवं झारखंड सरकार के नि:शक्तता आयुक्त अभयनंदन अंबष्ट
के कर-कमलों द्वारा सांकेतिक रूप से 34 दिव्यांगजन एवं वृद्ध लाभार्थियों को सहायक उपकरण वितरित किए गए। इसके अतिरिक्त कई दिव्यांगजनों एवं वृद्धजनों का एडिप एवं वयोश्री योजना के अंतर्गत आंकलन भी किया गया।समेकित क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र निदेशक सूर्य मणि प्रसाद ने बताया कि कार्यक्रम स्थल को दिव्यांगजनों की आवश्यकताओं के अनुरूप पूर्णतः सुलभ बनाया गया था। मंच तक पहुंच के लिए रैम्प, बाधा-मुक्त शौचालय तथा अन्य आवश्यक सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की गई। जिससे सभी प्रतिभागी बिना किसी असुविधा के कार्यक्रम में सम्मिलित हो सके। रांची सीआरसी दिव्यांगजनों के कौशल विकास, पुनर्वास एवं स्वावलंबन हेतु निरंतर प्रयासरत हैं । भविष्य में भी इस प्रकार के समावेशी आयोजनों के माध्यम से दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा। कार्यक्रम का समापन मुकेश कुमार, सहायक प्राध्यापक (श्रवण एवं वाक्), सीआरसी, रांची द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।

Post a Comment