झारखंड में कड़ाके की ठंड के साथ घना कोहरा छाया हुआ है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। राज्य के कई इलाकों में दृश्यता बेहद कम हो गई है, जिसके कारण सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम गई है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड के साथ कोहरे ने लोगों की परेशानियां और बढ़ा दी हैं।
मौसम केंद्र ने पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां और खूंटी को छोड़कर राज्य के शेष 19 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिमी और मध्य झारखंड में कोहरे का असर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। रांची, गुमला, हजारीबाग, बोकारो, रामगढ़, लोहरदगा, कोडरमा, धनबाद, पलामू, गढ़वा, चतरा और लातेहार जैसे जिलों में स्थिति अधिक गंभीर बनी हुई है।
मौसम विभाग ने बताया कि 21 दिसंबर को भी उत्तर-पश्चिमी और मध्य झारखंड में कोहरे का प्रभाव बना रहेगा, जबकि 22 दिसंबर को उत्तर-पश्चिम और उत्तर-मध्य हिस्सों में घना कोहरा देखने को मिल सकता है।
कोहरे को लेकर जारी एडवाइजरी में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। कम दृश्यता के कारण वाहन चलाने में दिक्कत होगी और हादसों की आशंका बनी रहेगी। घने कोहरे का असर विमान सेवाओं पर भी पड़ सकता है, जिससे टेकऑफ और लैंडिंग प्रभावित हो सकती है। कोहरे में मौजूद सूक्ष्म कण फेफड़ों पर असर डाल सकते हैं, वहीं आंखों में जलन और सूजन की शिकायत भी हो सकती है। वाहन चालकों को फॉग लाइट के इस्तेमाल, धीमी गति और सुरक्षित दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है। हवाई यात्रा करने वालों से फ्लाइट की स्थिति पहले जांचने को कहा गया है।
ठंड और कोहरे का असर खेती पर भी देखने को मिल रहा है। सरसों की फसल में व्हाइट रस्ट और अल्टरनेरिया झुलसा रोग का खतरा बढ़ गया है, जबकि आलू की फसल पर लेट ब्लाइट बीमारी का असर पड़ सकता है। दलहन फसलों में फलियों का विकास धीमा हो सकता है और सब्जियों में फफूंद व बैक्टीरियल रोग लगने की आशंका बनी हुई है। मौसम केंद्र ने किसानों को फसलों की नियमित निगरानी और समय पर दवाइयों के छिड़काव की सलाह दी है।
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