पटना पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक संगठित अंतरराज्यीय गांजा तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह उत्तर-पूर्वी राज्यों से गांजा मंगाकर पटना के रास्ते दिल्ली और बनारस में सप्लाई करता था। इस कार्रवाई में गिरोह के सरगना समेत कुल छह तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 120 किलो गांजा बरामद किया है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब एक करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा तीन लग्जरी कारें, दो वॉकी-टॉकी, सात मोबाइल फोन और एक इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन भी जब्त की गई है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान वैशाली जिले के विक्की कुमार जयसवाल, अनिल कुमार, सत्यम दत्त गुप्ता, दिलखुश कुमार, अरविंद कुमार और अमित राज के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार विक्की कुमार जयसवाल इस गिरोह का सरगना था, जिसने पटना और दिल्ली में अलग-अलग कार्यालय स्थापित कर पूरे नेटवर्क का संचालन किया। उसका भाई रिक्की फिलहाल फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
इस गिरोह का खुलासा 28 दिसंबर को हुआ, जब चित्रगुप्त नगर थाना पुलिस को राजेंद्र नगर आरओबी के पास एक कार में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली। डीआईयू और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने घेराबंदी कर वाहन की तलाशी ली, जिसमें दो ट्रॉली बैग और एक बोरी से करीब 34 किलो गांजा बरामद किया गया। मौके से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने पटना के अशोक नगर स्थित एक अपार्टमेंट में छापेमारी की, जहां से गिरोह का संचालन किया जा रहा था। यहां से करीब 85 किलो गांजा और दो लग्जरी कारें बरामद की गईं। इसी दौरान सरगना विक्की कुमार जयसवाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
एसपी सिटी पूर्वी परिचय कुमार ने बताया कि यह गिरोह पिछले एक वर्ष से सुनियोजित तरीके से सक्रिय था। तस्कर गुवाहाटी और अगरतल्ला जैसे उत्तर-पूर्वी शहरों से ट्रेन के जरिए गांजा पटना लाते थे। जांच एजेंसियों से बचने के लिए वे तेजस एक्सप्रेस समेत प्रीमियम ट्रेनों में सामान्य यात्रियों की तरह सफर करते थे और गांजे को ट्रॉली बैग में छिपाकर लाते थे।
पटना पहुंचने के बाद गांजे की खेप लग्जरी कारों के जरिए दिल्ली और बनारस भेजी जाती थी, जहां इसे ऊंचे दामों पर बेचा जाता था। पुलिस के अनुसार जब्त मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच जारी है, जिससे नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान की जा सके। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि राज्य को नशे की तस्करी का ट्रांजिट हब बनने से रोकने के लिए आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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