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अंगीठी की आग बनी काल, गया में बुजुर्ग महिला और 2 मासूमों की दम घुटने से मौत


बिहार के गया जिले में कड़ाके की ठंड से बचने के लिए जलाई गई अंगीठी एक ही परिवार पर कहर बनकर टूट पड़ी। बंद कमरे में सो रही एक बुजुर्ग महिला और उसके दो मासूम नाती–नातिन की दम घुटने से दर्दनाक मौत हो गई। इस हृदयविदारक हादसे से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।

यह घटना गया जिले के कुर्किहार महादलित टोला की है। बुधवार सुबह मीना देवी (60), अंशी कुमारी (6) और सुजीत कुमार (5) अपने ही घर में मृत पाए गए। बताया जा रहा है कि मंगलवार रात कड़ाके की ठंड के कारण मीना देवी ने कमरे के भीतर अंगीठी जलाई थी। ठंड से बचने के लिए दरवाजा और खिड़की बंद कर दी गई, जिससे कमरे में धुआं और जहरीली गैस भर गई। इसी दौरान तीनों सोते-सोते बेहोश हो गए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई।

बुधवार सुबह जब मीना देवी की बेटी काजल देवी कमरे में पहुंची, तो अंदर का दृश्य देखकर उसके होश उड़ गए। तीनों जमीन पर बेसुध पड़े थे। शोर मचाने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और आनन-फानन में सभी को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एक साथ तीन मौतों की खबर से परिवार में कोहराम मच गया।

परिजनों के अनुसार, घटना के समय घर में मीना देवी, उनकी बेटी काजल देवी और उसके दो बच्चे ही मौजूद थे। काजल देवी करीब दो महीने पहले बच्चों के साथ मायके आई थी। उसके पति सुर्जेशी मांझी चेन्नई में एक निजी कंपनी में मजदूरी करते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर बताई जा रही है।

मीना देवी के दोनों बेटे जितेंद्र मांझी और बालम मांझी रोजी-रोटी के लिए बाहर ईंट भट्ठों पर काम करते हैं और घटना के समय घर पर मौजूद नहीं थे। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ठंड के मौसम में गरीब परिवारों द्वारा अंगीठी या बोरसी जलाकर बंद कमरे में सोना आम बात है, लेकिन इससे लगातार जानलेवा हादसे हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में छपरा में भी अंगीठी से दम घुटने के कारण पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कुछ लोग अब भी अस्पताल में इलाजरत हैं।

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