मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वालों के लिए आने वाला समय जेब पर भारी पड़ सकता है। देशभर में 4G और 5G सेवाओं का उपयोग कर रहे करोड़ों यूजर्स को एक बार फिर महंगाई का झटका लगने की आशंका है। ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विस फर्म मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की प्रमुख दूरसंचार कंपनियां अप्रैल से जून 2026 के बीच मोबाइल टैरिफ में 16 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनियां बढ़ती लागत, नेटवर्क विस्तार और 5G इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश की भरपाई के लिए टैरिफ बढ़ाने की तैयारी में हैं। इसका सीधा असर कॉल दरों, डेटा पैक और प्रीपेड- पोस्टपेड प्लानों पर पड़ सकता है।
इसका संकेत अभी से मिलने लगा है। वोडाफोन आइडिया ने अपने 1,999 रुपये वाले सालाना प्रीपेड प्लान की कीमत में करीब 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। वहीं, 84 दिनों की वैधता वाले 509 रुपये के प्लान को भी लगभग 7 प्रतिशत महंगा कर दिया गया है। इसी तरह एयरटेल ने एंट्री-लेवल केवल-वॉइस प्लान की कीमत 189 रुपये से बढ़ाकर 199 रुपये कर दी है।
सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल ने भले ही सीधे तौर पर टैरिफ नहीं बढ़ाया है, लेकिन उसने कुछ सस्ते प्लानों की वैधता अवधि कम कर दी है, जिससे यूजर्स को अब पहले की तुलना में जल्दी रिचार्ज कराना पड़ेगा।
टेलीकॉम सेक्टर में हो रहे इन बदलावों से यह साफ हो रहा है कि आने वाले समय में मोबाइल सेवाएं सस्ती नहीं रहने वाली हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि 2026 में प्रस्तावित टैरिफ बढ़ोतरी लागू होती है, तो आम उपभोक्ताओं का मासिक मोबाइल खर्च काफी बढ़ सकता है। ऐसे में यूजर्स को अपने इस्तेमाल और प्लान के चुनाव पर पहले से ज्यादा ध्यान देना होगा।
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